Source : sciencedaily.org, eLIFE journal
आर्हेनियस इन्स्टियूट के बायोमिडीसीन विभाग के संशोधको ने HIV वायरस से हमारे जनीनिक बंधारण में सुधार करने की टेक्नीक खोजी है । इससे हमारे जनीनिक बंधारण की त्रुटीयों को सुधारा जा सकता है । जिससे आनुवंशिक रोगो के इलाज में एक नई राह खुल गई है ।
पहले जनीनिक बंधारण में सुधार करने के लिए ई. कोली बैक्टेरीया का उपयोग होता था । लेकिन इस पध्ध्ति से जनीनिक शृंख्ला को इच्छित जगह से काटा नहीं जा सकता था । इसलिए जनीनिक बंधारण सुधार में इच्छित परीणाम नहीं मिलते थे ।
HIV वायरस अपने जनीनों को हमारे कोषो के जनीन बंधारण में दाखिल कर देते है । जिससे यह कोष अब वायरस के जनीन कॉड के अनुसार काम करने लगता है । इसी कार्यप्रणाली को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिकोंने HIV वायरस के नेनो अणुओं का उपयोग जनीन बंधारण में इच्छित सुधार करने के लिए किया । लेबोरेटरी में संवर्धित निश्चित जनीन बंधारणवाले HIV वायरस हमारे कोषो के जनीन कॉड को काटने (cut) और नये जनीन कॉड को दाखिल करने (paste) का काम करेंगे ।
इस पध्धति से HIV वायरस का उपयोग AIDS रोग की बिमारी के इलाज में इस्तमाल किया जा सकता है । इस प्रकार हमारे जनीनिक बंधारण में सुधार कर AIDS रोग के प्रति रोगप्रतिकार तंत्र मजबूत किया जा सकता है ।
आर्हेनियस इन्स्टियूट के बायोमिडीसीन विभाग के संशोधको ने HIV वायरस से हमारे जनीनिक बंधारण में सुधार करने की टेक्नीक खोजी है । इससे हमारे जनीनिक बंधारण की त्रुटीयों को सुधारा जा सकता है । जिससे आनुवंशिक रोगो के इलाज में एक नई राह खुल गई है ।
पहले जनीनिक बंधारण में सुधार करने के लिए ई. कोली बैक्टेरीया का उपयोग होता था । लेकिन इस पध्ध्ति से जनीनिक शृंख्ला को इच्छित जगह से काटा नहीं जा सकता था । इसलिए जनीनिक बंधारण सुधार में इच्छित परीणाम नहीं मिलते थे ।
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HIV वायरस |

इस पध्धति से HIV वायरस का उपयोग AIDS रोग की बिमारी के इलाज में इस्तमाल किया जा सकता है । इस प्रकार हमारे जनीनिक बंधारण में सुधार कर AIDS रोग के प्रति रोगप्रतिकार तंत्र मजबूत किया जा सकता है ।