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new dancing frogs, Micrixalus kottigeharensis. |
भारत के पश्चिमी जंगलो से "Dancing Frog" (नृत्य करनेवाले मेढक) की एक जाति मिली है। इस जाति के 14 मेढक मिले है।
"Dancing Frog" जाति के नर प्रणय मिलन के समय अपने पैरो को उपर-नीचे करते हुए अजीब सा नृत्य करता है। ये जाति के मेढक बहोत छोटे होते है। उनकी लंबाई 13-35 मिलीमीटर (एक मक्खि जितना !!) जितनी ही होती है। प्रो. सत्यभामा दास बिजु (मुख खोजकर्ता, दिल्ही युनिवर्सिटी) के नेतृत्व में "Dancing Frog" की खोज पीछले एक दशक से पश्विम घाट की पर्वतमाला में हो रही थी।
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Dancing Frog |
प्रो. सत्यभामादास बिजु इस मेढक की बारे में कहते है-,
" तेज बहने वाले झरने, Dancing Frog का बहुत छोटा कद- कारणों से यह मेढक जल्दी से नजर नहीं आ सकते ।यह जाति के नर मेढक प्रणय मिलन के समय अपना पिछला पैर उठाके हवामें लहराता है। इस जाति की मादा का बर्ताव भी अजीब पाया गया है। वो अपने अंडे उथले पानी के एक गढ्ढे में रख के उपर मिट्टी और पथ्थर ढँक देती है।"
Dancing Frog के DNA से पता चलता है की इनका अस्तित्व डाईनासोर के जमाने से भारत में है।
प्रो. सत्यभामा दास बिजु आगे कहते है-,
"जंगल में झरने के बहते पानी के तेज शोर की वजह से इन मेढको ने मादा को आकर्षित करने का यह तरीका ईजाद किया होगा। लेकिन मादा का अपने अंडो को रखने के लिए घोसला बनाना (गढ्ढा बनाना) अजीब बर्ताव है।"
प्रो. सत्यभामादास बिजु भारत के "मेढक मेन" (Frog man of India) नाम से जाने जाते है। उनके नाम कई खोजें दर्ज है। जिनमें "Purple Frog" (बैंगनी मेढ्क) भी है।
उनका मानना है की पर्यावरण में परिवर्तन और आवास की कमी के कारण Dancing Frog की जाति अब नाशप्राय: हो रही है।
शायद, इस जाति का पृथ्वी पर यह आखरी नृत्य हो सकता है !!!!
प्रो. सत्यभामा दास बिजु आगे कहते है-,
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प्रो. सत्यभामादास बिजु |
प्रो. सत्यभामादास बिजु भारत के "मेढक मेन" (Frog man of India) नाम से जाने जाते है। उनके नाम कई खोजें दर्ज है। जिनमें "Purple Frog" (बैंगनी मेढ्क) भी है।
उनका मानना है की पर्यावरण में परिवर्तन और आवास की कमी के कारण Dancing Frog की जाति अब नाशप्राय: हो रही है।
शायद, इस जाति का पृथ्वी पर यह आखरी नृत्य हो सकता है !!!!
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