Source : Times Of India
युरोपियन वैज्ञानिको ने हवा और सूर्य प्रकाश से एक नया Green Jet Fuel (हरित विमान ईंधन) इजाद किया है।
वैसे तो CNG, हाइड्रोजन फ्युल सेल (ईंधन कोष), जेट्रोफा वनस्पति में से मिलता बायो डिजल आदि Green Fuel के तौर ज्यादा प्रसिद्ध किये गये है।
लेकिन यहाँ पे एक बिलकुल नए ईंधन की हम बात कर रहे है। युरोपियन वैज्ञानिको ने सोलार शक्ति का उपयोग करके Syngas (कार्बन मोनोक्साईड और हाइड्रोजन गेस का मिश्रण) बनाया । युरोपियन युनियन के इन वैज्ञानिको को मानना इस ईंधन के औद्योगिक ईंधन की समस्या का हल मिल सकता है।
हालांकी, कार्बन मोनोक्साईड और हाइड्रोजन गेस का मिश्रण, Water Gas (जल वायु) के नाम से आज भी औद्योगिक ईंधन के रूप इस्तमाल होता है। लेकिन यह वायु मिश्रण कोयले (coke) से या तो पेट्रोलियम से बनाया जाता है ।
जबकी युरोपियन वैज्ञानिको ने यह ईंधन सोलार शक्ति से उत्पादित किया है। संशोधको ने सोलार शक्ति को संक्रेन्द्रित करके 700° C तक तापमान पेदा किया । जिससे [CO + H2] मिश्रण से Syngas पेदा किया। CO + H2 मिश्रण को केरोसीन (jet fuel) में परिवर्तित कर कार या तो बस में भी इस्तमाल किया जा सकता है। कार्बन मोनोक्साईड एक ग्रीन हाउस गेस है । इस तरह उसका उपयोग होने से ग्लोबल वोर्मिंग समस्या में राहत मिल सकेगी।

फिलहाल तो वैज्ञानिकोने CO + H2 मिश्रण से एक ग्लास जितना ही केरोसीन (jet fuel) बनाया है। लेकिन, Maire Geoghegan-Quinn (मेर ज्योगन, European commissioner for Research, Innovation and Science) का मानना है की एक बडे सोलार रिएक्टर के इस्तमाल से 20,000 लिटर केरोसीन (jet fuel) प्रति दीन उत्पादन किया जा सकता है।
युरोपियन वैज्ञानिको ने हवा और सूर्य प्रकाश से एक नया Green Jet Fuel (हरित विमान ईंधन) इजाद किया है।
लेकिन यहाँ पे एक बिलकुल नए ईंधन की हम बात कर रहे है। युरोपियन वैज्ञानिको ने सोलार शक्ति का उपयोग करके Syngas (कार्बन मोनोक्साईड और हाइड्रोजन गेस का मिश्रण) बनाया । युरोपियन युनियन के इन वैज्ञानिको को मानना इस ईंधन के औद्योगिक ईंधन की समस्या का हल मिल सकता है।
हालांकी, कार्बन मोनोक्साईड और हाइड्रोजन गेस का मिश्रण, Water Gas (जल वायु) के नाम से आज भी औद्योगिक ईंधन के रूप इस्तमाल होता है। लेकिन यह वायु मिश्रण कोयले (coke) से या तो पेट्रोलियम से बनाया जाता है ।
जबकी युरोपियन वैज्ञानिको ने यह ईंधन सोलार शक्ति से उत्पादित किया है। संशोधको ने सोलार शक्ति को संक्रेन्द्रित करके 700° C तक तापमान पेदा किया । जिससे [CO + H2] मिश्रण से Syngas पेदा किया। CO + H2 मिश्रण को केरोसीन (jet fuel) में परिवर्तित कर कार या तो बस में भी इस्तमाल किया जा सकता है। कार्बन मोनोक्साईड एक ग्रीन हाउस गेस है । इस तरह उसका उपयोग होने से ग्लोबल वोर्मिंग समस्या में राहत मिल सकेगी।

फिलहाल तो वैज्ञानिकोने CO + H2 मिश्रण से एक ग्लास जितना ही केरोसीन (jet fuel) बनाया है। लेकिन, Maire Geoghegan-Quinn (मेर ज्योगन, European commissioner for Research, Innovation and Science) का मानना है की एक बडे सोलार रिएक्टर के इस्तमाल से 20,000 लिटर केरोसीन (jet fuel) प्रति दीन उत्पादन किया जा सकता है।
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