Source : phys.org
हमें गणित विषय में अविभाज्य अंक के बारे में बताया गया है। जिस संख्या को 1 और उस संख्या के बिना अन्य किसी संख्या से 'पूर्णत:' (शेष 0 हो ऐसे...) विभाजित न किया जा सके उस को अविभाज्य अंक कहते है।
>>उदाहरण :
5 को 1 और 5 के बिना किसी और संख्या से 'पूर्णत:' विभाजित नहिं कीया जा सकता। इसलिए 5 अविभाज्य अंक है।
2,3,5,7,11,13,... संख्याएँ अविभाज्य अंक के उदाहरण है।
अब सवाल है ...
सबसे बडी अविभाज्य संख्या कोन सी हो सकती है ?
इन्डियाना स्टेट युनिवर्सिटी के प्रो. जेफ्फ एक्सो (Geoff Exoo, Mathematics and Computer Science) और सहायक प्रो. जेफ्फ किन (Jeff Kinne, Mathematics and Computer Science) ने सबसे बडी अविभाज्य संख्या खोजने का काम प्रारंभ किया है।
उनका ध्यान सबसे बडे 'युग़्म अविभाज्य संख्या' (twin prime numbers, e.g. p and p + 2 likes 5 and 7, 7 and 9...etc) और 'सोफिया जर्मेन अविभाज्य संख्या' (Sophie Germain prime numbers, e.g. p + 2p + 1 likes 5 and 11, 11 and 23... etc) की खोज पर है।
उन्हों ने इन्टरनेट से जुडे 90,00,000 (90 लाख) कम्प्युटर्स को इस अविभाज्य संख्या की गणना में लगाया है। इस पद्धति को GIMPS (Great Internet Mersenne Prime Search) के नाम से जाना जाता है।
पिछले साल, डिसम्बर में इस टीम ने 14th सबसे बडी 'युग़्म अविभाज्य संख्या' (twin prime numbers) की खोज की है।
इसके अलावा इन्हों ने सबसे बडा 12th, 13th और18th 'सोफिया जर्मेन अविभाज्य संख्या' (Sophie Germain prime numbers), की भी खोज की है।
सबसे बडी अविभाज्य संख्या खोज की जरूर क्यों?
आधुनिक जमाने में बैकिंग, On-Line व्यापार, Internet Shopping जैसे क्षेत्र में कम्प्युटर और इन्टरनेट का उपयोग बढा है। व्यापारी वेब साइट एक खास प्रकार की सांकेतिक भाषा (Cryptographic Language) के इस्तमाल से अपने आर्थिक व्यवहार को सुरक्षित बनाती है।
यह सांकेतिक भाषा वास्तविक तौर पर दो अविभाज्य अंको गुणाकार होता है। जिसमें दो बडे अविभाज्य अंको को लेकर उनके गुणनफल से एक नया अंक मिकता है। जिसको सांकेतिक भाषा (Cryptographic Language) तौर पर उपयोग किया जाता है।
यदी आपको दो में से एक भी अविभाज्य अंक का पता नहीं है तो, इस नये अंक को विभाजित (factorise) करने के लिए एक खास अल्गोरिधम बनाना पडता है । जो काफी कठिन और समय लेने वाला काम हो जाता है।
आधुनिक कम्प्युटर ज्यादा तेज गणना कर सकते है। ऐसे कम्प्युटर आसानी से सांकेतिक भाषा को सुलझा सकते है। इसलिए ज्यादा बडे अविभाज्य अंको की खोज जरूरी है।
बडी अविभाज्य संख्या खोज का इतिहास
1958 में खोजा गया सबसे बडा अविभाज्य अंक '6 अंको' का था।
1951में खोजा गया सबसे बडा अविभाज्य अंक '44 अंको' का था।
1953 में '687 अंको' वाला सबसे बडा अविभाज्य अंक खोजा गया।
1903 में खोजा गया सबसे बडा अविभाज्य अंक '39,751 अंको' का बना था ।
1993 में '2,27,832 अंको' का और
2013 में '17 लाख अंको' का सबसे बडा अविभाज्य अंक खोजा गया।
मार्च, 2014 में प्रो. जेफ्फ एक्सो और प्रो. जेफ्फ किन ने 208th अविभाज्य अंक खोजा है। यह अविभाज्य अंक '7,12,748 अंको' से बना है।
इस अविभाज्य अंक को कागज पे लिखा जाए तो 1 माइल जितनी लंबाई का होगा!!!
हमें गणित विषय में अविभाज्य अंक के बारे में बताया गया है। जिस संख्या को 1 और उस संख्या के बिना अन्य किसी संख्या से 'पूर्णत:' (शेष 0 हो ऐसे...) विभाजित न किया जा सके उस को अविभाज्य अंक कहते है।
>>उदाहरण :
5 को 1 और 5 के बिना किसी और संख्या से 'पूर्णत:' विभाजित नहिं कीया जा सकता। इसलिए 5 अविभाज्य अंक है।
2,3,5,7,11,13,... संख्याएँ अविभाज्य अंक के उदाहरण है।
अब सवाल है ...
सबसे बडी अविभाज्य संख्या कोन सी हो सकती है ?
इन्डियाना स्टेट युनिवर्सिटी के प्रो. जेफ्फ एक्सो (Geoff Exoo, Mathematics and Computer Science) और सहायक प्रो. जेफ्फ किन (Jeff Kinne, Mathematics and Computer Science) ने सबसे बडी अविभाज्य संख्या खोजने का काम प्रारंभ किया है।
उनका ध्यान सबसे बडे 'युग़्म अविभाज्य संख्या' (twin prime numbers, e.g. p and p + 2 likes 5 and 7, 7 and 9...etc) और 'सोफिया जर्मेन अविभाज्य संख्या' (Sophie Germain prime numbers, e.g. p + 2p + 1 likes 5 and 11, 11 and 23... etc) की खोज पर है।
उन्हों ने इन्टरनेट से जुडे 90,00,000 (90 लाख) कम्प्युटर्स को इस अविभाज्य संख्या की गणना में लगाया है। इस पद्धति को GIMPS (Great Internet Mersenne Prime Search) के नाम से जाना जाता है।
पिछले साल, डिसम्बर में इस टीम ने 14th सबसे बडी 'युग़्म अविभाज्य संख्या' (twin prime numbers) की खोज की है।
इसके अलावा इन्हों ने सबसे बडा 12th, 13th और18th 'सोफिया जर्मेन अविभाज्य संख्या' (Sophie Germain prime numbers), की भी खोज की है।
सबसे बडी अविभाज्य संख्या खोज की जरूर क्यों?
आधुनिक जमाने में बैकिंग, On-Line व्यापार, Internet Shopping जैसे क्षेत्र में कम्प्युटर और इन्टरनेट का उपयोग बढा है। व्यापारी वेब साइट एक खास प्रकार की सांकेतिक भाषा (Cryptographic Language) के इस्तमाल से अपने आर्थिक व्यवहार को सुरक्षित बनाती है।
यह सांकेतिक भाषा वास्तविक तौर पर दो अविभाज्य अंको गुणाकार होता है। जिसमें दो बडे अविभाज्य अंको को लेकर उनके गुणनफल से एक नया अंक मिकता है। जिसको सांकेतिक भाषा (Cryptographic Language) तौर पर उपयोग किया जाता है।
यदी आपको दो में से एक भी अविभाज्य अंक का पता नहीं है तो, इस नये अंक को विभाजित (factorise) करने के लिए एक खास अल्गोरिधम बनाना पडता है । जो काफी कठिन और समय लेने वाला काम हो जाता है।
आधुनिक कम्प्युटर ज्यादा तेज गणना कर सकते है। ऐसे कम्प्युटर आसानी से सांकेतिक भाषा को सुलझा सकते है। इसलिए ज्यादा बडे अविभाज्य अंको की खोज जरूरी है।
बडी अविभाज्य संख्या खोज का इतिहास
1958 में खोजा गया सबसे बडा अविभाज्य अंक '6 अंको' का था।
1951में खोजा गया सबसे बडा अविभाज्य अंक '44 अंको' का था।
1953 में '687 अंको' वाला सबसे बडा अविभाज्य अंक खोजा गया।
1903 में खोजा गया सबसे बडा अविभाज्य अंक '39,751 अंको' का बना था ।
1993 में '2,27,832 अंको' का और
2013 में '17 लाख अंको' का सबसे बडा अविभाज्य अंक खोजा गया।
मार्च, 2014 में प्रो. जेफ्फ एक्सो और प्रो. जेफ्फ किन ने 208th अविभाज्य अंक खोजा है। यह अविभाज्य अंक '7,12,748 अंको' से बना है।
इस अविभाज्य अंक को कागज पे लिखा जाए तो 1 माइल जितनी लंबाई का होगा!!!
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