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गोनोरीया के बैक्टेरीया |
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की पहली वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार , -superbugs बैक्टीरिया का एंटीबायोटिक के सामने प्रतिरोध- दुनिया भर में एक गंभीर और बढ़ता खतरा है।
आज नवजात शिशुओं में संक्रमण, न्युमोनिया, मूत्र मार्ग में संक्रमण (infection) और सूजन (inflammation), हर रोज आंतों में संक्रमण (gestric problem) जैसे रोगों के लिए अब एंटीबायोटिक के बिना अन्य दवाइयां बिनअसरदार बनने लगी है।
स्टुअर्ट लेवी, (Tufts University School of Medicine, बोस्टन) Superbugs द्वारा उत्पन्न खतरों तथा एंटीबायोटिक्स का विवेकपूर्ण उपयोग के लिए समझते हुए National Geographic के साथ बात की ।
वास्तव में superbugs क्या हैं?
बैक्टीरियाने खुद को बचाने के लिए उत्क्रांति (evolution) से एंटीबायोटिक को नष्ट करने की क्षमता हासिल कर ली है | बैक्टीरियाने पेनिसिलीन जैसे ब्रोड स्प्रेक्टम एंटीबायोटिक (ज्यादातर बैक्टेरिया को मारने के लिए उपयोग में आने वाला एंटीबायोटिक ) लिए प्रतिरोध के लिए एक जीन (genes, जनीन) विकसित किया है । जिसके कारण superbugs बैक्टीरिया एंटीबायोटिक दवाओं को निष्क्रिय करनेवाले एंजाइमों (उत्सेचक) बना सकता है या तो अपने शरीर पे से एसे स्थान दूर कर सकता है जहाँ पे एंटीबायोटिक आक्रमण करते है।
क्यों इन superbugs के प्रसार का खतरा बढ़ रहे हैं ?
हम बहोत ज्यादा एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग कर रहे हैं । आम सर्दी (common cold fever) एक वायरस से हो रही है । लेकिन डोक्टर एंटीबायोटिक देकर उसका उपचार कर रहे है। डोक्टरो को लगता सर्दी (common cold fever) में एंटीबायोटिक से काफी कारगत है, लेकिन वे हमारे शरीर में रहे बैक्टीरिया को एंटीबायोटिक प्रुफ बनाने में काम आती है।
गाय, भेंस, मुर्गी आदी पालतुं जानवरों में एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग बहोत हो रहा है। ऐसे प्राणी के मल-मूत्र, शव से एंटीबायोटिक दवाओं जमीन और पानी में रहनेवाले बैक्टीरिया के संपर्क में आती है। जिसके कारण पर्यावरण में पायें जानेवालें ज्यादातर बैक्टीरिया एंटीबायोटिक प्रुफ बनने लगे है। इससे बैक्टीरिया आज superbugs बन गया है।
गाय, भेंस, मुर्गी आदी पालतुं जानवरों में एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग बहोत हो रहा है। ऐसे प्राणी के मल-मूत्र, शव से एंटीबायोटिक दवाओं जमीन और पानी में रहनेवाले बैक्टीरिया के संपर्क में आती है। जिसके कारण पर्यावरण में पायें जानेवालें ज्यादातर बैक्टीरिया एंटीबायोटिक प्रुफ बनने लगे है। इससे बैक्टीरिया आज superbugs बन गया है।
हम कैसे आगे superbugs के प्रसार का मुकाबला कैसे कर सकते हैं ?
डोक्टर्स को ये समझना जरूरी है की जब जरूरत न हो तब एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग न करें। गाय, भेंस, मुर्गी आदी पालतुं जानवरों में एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग को बंध करें।
नये एंटीबायोटिक दवाओं को खोजने में ध्यान देना चाहिए । हालांकी वो काफी समय मांगने वाला काम है।
नये एंटीबायोटिक दवाओं को खोजने में ध्यान देना चाहिए । हालांकी वो काफी समय मांगने वाला काम है।
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