source : cbc news
वैज्ञानिक, आर्किटेक्ट और डिझानर का एक समूह स्पेशशीप के निर्माण में लगा है। इस स्पेशशीप-इक्रस- में मानव जाति 100 वर्षो तक अंतरिक्ष में जिंदा रह पाए इस प्रकार की सुविधा होगी ।
CBC रेडियो के एक कार्यक्रम में इस प्रोजेक्ट की जानकारी देते हुए विज्ञान पत्रकार टोरा कोचूर ने कहा,
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टोरा कोचूर |
“ यह स्पेशशीप 20 किलोमीटर लंबा नलाकार होगा । इस स्पेशशीप में हमारी पृथ्वी जैसा ही वातावरण होगा । एक साथ 50-500 मनुष्यों का इस में समावेश हो पाएगा । इसमें गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव होगा । इसमें वनस्पतियां उगाई जाएगी । इस स्पेश शीप का अपना इंजन होगा, जिससे यह शीप अंतरिक्ष में आगे बढता जाएगा।"
" अगर पृथ्वी पर भयंकर सुखा पड जाए, परमाणु युध्ध हो जाए, भयंकर उल्कापिंड का पृथ्वी पर प्रहार हो जाए... जैसी कई विषम परिस्थितिओ में यह स्पेश शीप मानव जाति का अंतिम आश्रय स्थान हो सकेगा । अगर अंतरिक्ष में कहीं दूसरी जगह बसने लायक जगह है, तो मानव जाति उस ग्रह पर पहोंचकर अपना घर बना सकती है । इस बीच अपने स्पेश शीप में आराम से अपने समुदाय में जिंदा रहेगी ।“
यह प्रोजेक्ट 2013 में शुरू हुआ है, और 2100 साल तक पूर्ण होने का अंदाज है । कुछ लाख साल बाद भी जब पृथ्वी पर जीवन के लिए विषम परिस्थितियां पेदा होगी । उस वक्त स्पेशशीप-इक्रस- मानव जाति का अंतिम पडाव होगा ।
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